मुनक्का… के फायदे

🛕 आयुर्वेद ज्ञानामृत 🛕

मुनक्का…
मुनक्कों से तो हम सब परिचित हैं| इसकी प्रकृति गर्म होती है| इसका प्रयोग करने से प्यास शांत हो जाती है व यह गर्मी और पित्त को ठीक करता है| यह पेट और फेफड़ों के रोगों में भी बहुत लाभकारी है|

आज हम जानेंगे मुनक्कों से विभिन्न रोगों का उपचार
(1). 10-12 मुनक्के धोकर रात को पानी में भिगो दें| सुबह को इनके बीज निकालकर खूब चबा चबाकर खाएं, तीन हफ़्तों तक यह प्रयोग करने से खून साफ़ होता है तथा नकसीर में भी लाभ होता है|

(2). 5 मुनक्के लेकर उसके बीज निकल लें, अब इन्हें तवे पर भून लें तथा उसमें कालीमिर्च का चूर्ण मिला लें| इन्हें कुछ देर चूस कर चबा लें, खांसी में लाभ होगा|

(3). बच्चे यदि बिस्तर में पेशाब करते हों तो उन्हें 2 मुनक्के बीज निकालकर व उसमें एक एक काली मिर्च डालकर रात को सोने से पहले खिला दें, यह प्रयोग लगातार दो हफ़्तों तक करें, लाभ होगा|

(4). पुराने बुखार के बाद जब भूख लगनी बंद हो जाए तब 10 -12 मुनक्के भून कर सेंधा नमक व कालीमिर्च मिलाकर खाने से भूख बढ़ती है|

(5). यदि किसी को कब्ज़ की समस्या है तो उसके लिए शाम के समय 10 मुनक्कों को साफ़ धोकर एक गिलास दूध में उबाल लें फिर रात को सोते समय इसके बीज निकल दें और मुनक्के खा लें तथा ऊपर से गर्म दूध पी लें, इस प्रयोग को नियमित करने से लाभ स्वयं महसूस करें|
इस प्रयोग से यदि किसी को दस्त होने लगें तो मुनक्के लेना बंद कर दें|

(6). मुनक्के के सेवन से कमजोरी मिट जाती है और शरीर पुष्ट हो जाता है |

(7). मुनक्के में लौह तत्व [Iron] की मात्रा अधिक होने के कारण यह [Heamoglobin] खून के लाल कण को बढ़ाता है अतः रंग को है।

(8). 4-5 मुनक्के पानी में भिगोकर खाने से चक्कर आने बंद हो जाते हैं।

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