करोड़ों की कमाई कराने वाली चंदन की खेती कैसे करें, पूरी रिपोर्ट
FacebookTwitterGoogle+WhatsAppLinkedInShare
Sandalwood-1
FacebookTwitterGoogle+WhatsAppLinkedInShare
चंदन तेल बहुत महंगा बिकता है, चंदन के कई साबुन ब्रांड्स बाजार में
देश में चंदन अगर सबसे ज्यादा चर्चा में रहा तो वीरप्पन की वजह से। वही वीरप्पन जिस पर रंगीला, सत्या, सरकार जैसी बड़ी सफल फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने हाल में वीरप्पन फिल्म बनाई और करीब एक दशक पहले वीरप्पन को मारने के लिए सरकार को अपनी पूरी ताकत झोंक देनी पड़ी क्योंकि दुनिया में चंदन का सबसे बड़ा तस्कर वीरप्पन ही था। द.भारत के जंगलों से चंदन की चोरी करके वो विदेशों में तस्करी करके अरबों रूपया कमाता था।
लेकिन एक आम इंसान भी बिना किसी चोरी या डर के कम लागत पर चंदन की खेती करके करोड़ों कमा सकता है। यहां हम चंदन की खेती से जुड़ी पूरी जानकारी दे रहे हैं। अगर फिर भी कोई सवाल आपके मन में आता है, तो खबर के अंत में Comment बॉक्स में अपना सवाल लिख सकते हैं। चंदन की खेती के एक्सपर्ट्स आपके सवालों के जवाब देंगे।
भारतीय चंदन की विदेशों में मांग
चंदन की खुशबू हर किसी का मन मोह लेती है। आंतरराष्ट्रीय बाजार मे बेहद बढती मांग और सोने जैसे बहुमुल्य समझे जाने वाले रक्त चंदन की ऊंची कीमत होने के कारण भविष्य मे चंदन की खेती करना बहुत फायदे का व्यवसाय साबित हो सकता है। और देशो के तुलना में भारत मे पाये जाने वाले चंदन के पेड़ में खुशबू और तेल का प्रमाण (1% से 6%) सबसे ज्यादा है। इसी वजह से भारतीय चंदन की आंतरराष्ट्रीय बाजार मे बडी मांग है। भारत में मौजूदा दौर में रक्त चंदन रसदार लकड़ी (Hart wood) की कीमत औसत कीमत 6000 से 7000 रुपये प्रति किलो है। सूखी लकड़ी (Dry wood) 2000 रुपये प्रति किलो और बारीक लकड़ी 200 रुपये किलो है।
पौधे का परिचय (Introduction of sandalwood)
सामान्य नाम : चंदन, वैज्ञानिक नाम : Pterocarpus Santalinus, Santalum Album, श्रेणी : सुगंधीय
उपयोग (use of sandalwood tree) :
चंदन का उपयोग तेल, इत्र, धूप, औषधी और सौंदर्य प्रसाधन के निर्माण में और नक्काशी में किया जाता है। चंदन तेल, चंदन पाउडर, चंदन साबुन, चंदन इत्र। चंदन से कौन कौन से साबुन भारत के बाजारों में बिकते हैं, ये जानने के लिए यहां क्लिक करें।
उपयोगी भाग : लकड़ी, बीज, जड़ और तेल
उत्पत्ति
यह मूल रुप से भारत में पाये जाने वाला पौधा है। भारत के शुष्क क्षेत्रों विंध्य पर्वतमाला से लेकर दक्षिण क्षेत्र विशेष रूप से कर्नाटक और तमिलनाडु में में पाया जाता है। महाराष्ट्र में विदर्भ की जमीन चंदन खेती के लिए बहुत अच्छी साबित होगी। लेकिन अब गुजरात जैसे कुछ राज्यों में भी ये खेती होने लगी है। वहां एक किसान ने करीब 15 साल पहले चंदन के पौधे लगाए थे जो अब बाजार में बिगने के लिए तैयार हैं और इनकी कीमत करीब 15 करोड़ रूपए हैं। इसके अलावा यह इंडोनेशिया, मलेशिया के हिस्सों, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी पाया जाता है।
भूमि :
चंदन पेड़ मुख्य रूप से काली लाल दोमट मिट्टी, रूपांतरित चट्टानों में ऊगता है।
खनिज और नमी युक्त मिट्टी में इसका विकास कम होता है।
उथले, चट्रटानी मैदान पथरीली बजरी मिट्टी, चूनेदार मिट्टी सहन करते है।
कम खनिज युक्त मिट्टी में चंदन तेल की उपज बेहतर होती है।
समुद्र सतह से 600 से 1200 मीटर की ऊँचाई पर अच्छा पनपता है।
चंदन 5 से 50 सेल्सीयस (Celsius) तापमान मे भी आता है।
7 से लेकर 8.5 पीएच मिट्टी की किस्म में उगाया जा सकता है।
60 से 160 से.मी के बीच वाले वर्षा क्षेत्र चंदन के लिए महत्वपूर्ण होते है।
किसी भी प्रकार के जल भराव में चंदन का पेड़ पूरी तरह से पनप नहीं पाता।
इसे दलदल जमीन पर नहीं उगाया जा सकता है।
इसे भी पढ़े – चंदन की खेती से किसने कमाए गुजरात में 15 करोड़ रूपए
भूमि की तैयारी :
पानी की अगर सही व्यवस्था हो तो साल में कभी भी लगा सकते है।
पेड़ लगाने से पहले गहरी जुताई की आवश्यकता होती है।
2-3 बार जोतकर मिट्टी क्षमता को बढ़ाया जाता है।
2 x 2 x 2 फिट का गढ्ढा बनाकर ऊसे सुखने दिया जाता है।
मुरखाद कंपोस्ट खाद का ईस्तेमाल किया जा सकता है।
10 x 10 फिट के दूरी पर पेड़ लगाये
1 एकड़ में 430 पेड आते है।
खाद एवं सिंचाई प्रबंधन :
इसे अधिक उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती है।
शुरुआती दिनो में फसल वृद्धि के दौरान खाद की आवश्यकता होती है।
मानसून में पेड़ तेजी से बढ़ते है पर गर्मियों में सिंचाई की जरुरत होती है।
ड्रिप विधि से सिंचाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सिंचाई मिट्टी में नमी धारण करने की क्षमता और मौसम पर निर्भर करती है।
शुरुआती दिनो में मानसून के बाद दिसम्बर से मई तक सिंचाई करे ।
कटाई (Harvesting) तुडाई,फसल कटाई का समय :
चंदन की जड़े भी सुगंधित होती है। इसलिए पेड़ को जड़ से उखाडा जाता है न कि काटा जाता है।
पांचवे साल से रसदार लकड़ी बनना शुरु होती है।
चंदन की लकडी मे दो भाग होते है रसदार लकड़ी (Hart wood) और सूखी लकड़ी (Dry wood) दोनों की कीमत अलग – अलग होती है।
जब पेड़ लगभग 12 – 15 साल पुराना हो जाता है तब लकड़ी प्राप्त होती है और पेड के जीवन पर्यन्त तक प्राप्त होती रहती है।
जड़ से उखाडने के बाद पेड़ को टुकड़ो में काटा जाता है और डिपो में रसदार लकड़ी (Hart wood) को अलग किया जाता है।
चंदन खेती का अर्थशात्र :
रक्त चंदन धीरे धीरे बढने वाला पेड़ है, लेकिन समुचित जल प्रबन्धन करने पर जैसे ठिंबक सिंचन इस्तेमाल कर हर साल पेड़ के तने का घेरा 5 से.मी. से बढा सकते है। 12 से 15 साल बाद जमिन से 5 फिट ऊपर तने का घेरा 80 से.मी. हो तो ऊस रक्त चंदन के पेड़ से 20 से 30 किलो (Hart wood) मिल सकता है।
आज (Hart wood) का मार्केट रेट प्रति किलो रु.6000 से 7000 है और अगर 12-15 साल बाद का रु. 7000 रेट भी मानते है और रसदार लकड़ी (Hart wood) 20 किलो भी मिलता हो तो 1 पेड से रु. 1,40,000 मिल सकते है, 1 एकड से 400 x 1,40,000 = रु. 5,60,00,000 (पांच करोड साठ लाख रुपये) प्रति एकड़ केवल रसदार लकड़ी (Hart wood) से मिल सकता है। बाकी बची लकडी और जडो का मुनाफा अलग होगा ।
1 एकड जमीन मे सिर्फ धुरे पर भी 125 पेड़ के 125 x 1,40,000 = रु. 1,75,00,000 लगभग ( एक करोड़ पच्चतर लाख रुपये) बना सकते है।
अगर चंदन की खेती के एक्सपर्ट से कोई सवाल पूछना है या उनका नंबर चाहिए, तो कृप्या अपना पूरा नाम, आपके शहर और गांव का पूरा नाम और आपका मोबाइल नंबर लिखकर kisankhabar@gmail.com पर ईमेल कर दीजिए।
pls tell me full detail chandan ki kheti.
surender chauhan mob-09015515387,
Add.- vpo- kutabpur(sarsawa) distt.- saharanpur 247232 up
LikeLiked by 1 person
रेड चंदन का सीड कितने दिन में जरमेन्सन होता हे ओर चंदन के पोधे के पास कोण सा पोधा लगा सकते हे जिस से चंदन उसे नुट्रेसन लेसकता हे
LikeLike
1 एकड जमीन मे सिर्फ धुरे पर भी 125 पेड़ के 125 x 1,40,000 = रु. 1,75,00,000 लगभग ( एक करोड़ पच्चतर लाख रुपये) बना सकते है। अगर चंदन की खेती के एक्सपर्ट से कोई सवाल पूछना है या उनका नंबर चाहिए, तो कृप्या अपना पूरा नाम, आपके शहर और गांव का पूरा नाम और आपका मोबाइल नंबर लिखकर kisankhabar@gmail.com पर ईमेल कर दीजिए।
LikeLike
सर मला चंदन ची लागवड करायची आहे । माझी शेत आहे । त्या साठी तुमचा मोबाईल नो द्या प्लिज ।थोडी माहिती ची गरज आहे
तुमचा मोबाईल नो द्या
LikeLike
1 एकड जमीन मे सिर्फ धुरे पर भी 125 पेड़ के 125 x 1,40,000 = रु. 1,75,00,000 लगभग ( एक करोड़ पच्चतर लाख रुपये) बना सकते है। अगर चंदन की खेती के एक्सपर्ट से कोई सवाल पूछना है या उनका नंबर चाहिए, तो कृप्या अपना पूरा नाम, आपके शहर और गांव का पूरा नाम और आपका मोबाइल नंबर लिखकर kisankhabar@gmail.com पर ईमेल कर दीजिए।
LikeLike
पौधे कहाँ से मिलेंगे।
LikeLike
1 एकड जमीन मे सिर्फ धुरे पर भी 125 पेड़ के 125 x 1,40,000 = रु. 1,75,00,000 लगभग ( एक करोड़ पच्चतर लाख रुपये) बना सकते है। अगर चंदन की खेती के एक्सपर्ट से कोई सवाल पूछना है या उनका नंबर चाहिए, तो कृप्या अपना पूरा नाम, आपके शहर और गांव का पूरा नाम और आपका मोबाइल नंबर लिखकर kisankhabar@gmail.com पर ईमेल कर दीजिए।
LikeLike
1 एकड जमीन मे सिर्फ धुरे पर भी 125 पेड़ के 125 x 1,40,000 = रु. 1,75,00,000 लगभग ( एक करोड़ पच्चतर लाख रुपये) बना सकते है। अगर चंदन की खेती के एक्सपर्ट से कोई सवाल पूछना है या उनका नंबर चाहिए, तो कृप्या अपना पूरा नाम, आपके शहर और गांव का पूरा नाम और आपका मोबाइल नंबर लिखकर kisankhabar@gmail.com पर ईमेल कर दीजिए।
LikeLike
Gov. Se liscence kaisele aur up ke Varanasi me chandan ki kheti kar sakte hai ki nahi.
LikeLike
Kahi bhi kar sakte hai
LikeLike
Utam bichar.. Mai bihar buxar se hu hme lagna hai
LikeLike
Laga lo
LikeLike
Tell about host plant of sandal .can sandal plant grow without hozt plant.
Can we plant this plant at hanumangarh town rajasthan.
LikeLike